घाटी में मुठभेड़ स्थल पर पथराव की घटनाओं को सरहद पार की साजिश करार देते हुए राज्य पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने कहा कि मुठभेड़ शुरू होते ही 300 व्हाट्सऐप ग्रुप अचानक सक्रिय हो जाते हैं। हर ग्रुप में 250 से ज्यादा सदस्य हैं। इन्हें मुठभेड़ स्थल पर जाकर आतंकियाें को भगाने के लिए सुरक्षा बलों पर पत्थर बरसाने को उकसाया जाता है। फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों पर भी युवाआें को ऐसे ही उकसाया जा रहा है।
डीजीपी ने मीडिया से बातचीत में कहा, युवाआें का मुठभेड़ स्थल पर जाकर पत्थर बरसाना आत्महत्या करने जैसा है। आतंकियों के खिलाफ अभियान के दौरान सुरक्षा बल भी बुलेटप्रूफ वाहनों या फिर किसी घर की आड़ लेते हैं। गोली कहां से किसे लग जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में युवा मुठभेड़ स्थल पर पहुंचकर एक तरह से आत्महत्या ही कर रहे हैं। उन्हें मुठभेड़ स्थल से दूर रहना चाहिए। युवाआें को समझना चाहिए कि वे कुछ लोगाें के फायदे की खातिर इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
सरहद पार से रची जा रही हिंसा की साजिश
डीजीपी ने कहा, कुछ व्हाट्सऐप ग्रुप और सोशल मीडिया के अकाउंट तो सरहद पार भी ट्रेस हुए हैं। इससे साफ है कि सरहद पार दुश्मन के इशारे पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है।
व्हाट्सऐप ग्रुप चलाने वालों के अलावा सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार में शामिल कई लोगाें को लगातार मानीटर किया जा रहा है। अब इन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। घाटी में हिंसा के दौरान मारे गए लोगाें को कुछ दिनाें बाद सब भुला देंगे, लेकिन प्रभावित परिवारों का दर्द बना रहेगा। इसे देखते हुए युवाआें को अपने परिवार के बारे में सोचना चाहिए।
घाटी में पत्थरबाजी के साथ पाकिस्तान कनेक्शन को उजागर करते हुए पीएमओ में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, पाकिस्तानी एजेंसियां ही कश्मीरी युवाआें को भड़का रही हैं। उन्हाेंने कहा, जम्मू-कश्मीर सरकार और सिविल सोसायटी की जिम्मेदारी है कि वे कश्मीरी युवाआें को इस दुष्प्रचार से बचाएं।
पत्रकाराें से मुखातिब सिंह ने कहा, पाकिस्तानी एजेंसियां सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर कश्मीरी युवाआें को दुष्प्रचार में झोंक रही हैं। वे युवाओं से अपील करना चाहते हैं कि ऐसे झांसे में आने के बजाय युवा अपने भविष्य के बारे में सोचें।
अलगाववादियाें को आड़े हाथों लेते हुए सिंह ने कहा, ये लोग अपने स्वार्थ देख रहे हैं। अपने बच्चाें को तो वे आईएएस और आईपीएस अफसर बनाने की ख्वाहिश रखते हैं, जबकि दूसरों के बच्चाें को पत्थरबाजी में झोंक रहे हैं। अपनी सुविधा के लिए सियासत कर रहे अलगाववादियों के प्रति कश्मीरी अवाम खासकर युवाआें को सचेत हो जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बीते दिन ही डीजीपी जम्मू-कश्मीर एसपी वैद ने सिंह से मुलाकात कर कश्मीर के हालात की जानकारी दी थी।
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