हमारे देश में ऐसी बहुत सी रहस्यमयी जगहें हैं, जिनके राज अभी खुलना बाकी हैं। उनमें से ही एक है यह सुरंग। उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले में बनी इस सुरंग के लिए कहा जाता है कि इसमें आजतक जो भी गया वो इसी में समा गया, लौटकर वापस नहीं आया। यह सुरंग करीब 350 साल पुरानी है और इसे औरंगजेब ने बनवाया था। इसका नाम बागबादशाही है।
फतेहपुर जिले के खजुहा गांव में आज भी एक रहस्यमयी सुरंग है। स्थानीय लोगों की मानें तो सुरंग में अगर भूल से भी कोई अंदर गया तो कभी लौट कर नहीं आया। खजुहा गांव निवासी हर्षित बाजपेयी ने बताया - एक बार गांव में शादी थी। बारात में आए काफी संख्या में लोग इस सुरंग को देखने के लिए अंदर गए, लेकिन कभी वापस नहीं आए।
इसी गांव के निवासी बृजबिहारी बाजपेयी की मानें तो यह सुरंग कोलकाता से पेशावर तक जाती है। हालांकि अब इसे बंद कर दिया गया है। जानकार बताते हैं कि उस समय यहां पर शाहजहां के बेटे शाहशुजा का राज था। औरंगजेब ने इसे हड़पने के लिए कई बार आग्रमण किया, लेकिन हार गया। 5 जनवरी 1659 को औरंगजेब ने फिर हमला किया और इस बार वह जीत गया। जीत की खुशी में ही औरंगजेब ने इस सुरंग का निर्माण करवाया था।
बागबादशाही में पूर्व की तरफ 3 मीटर ऊंचे चबूतरे में 2 बारादरी बनी हुई हैं। इनमें विशाल कमरे बनाए गए थे और बारादरी के सामने सुंदर तालाब था। बागबादशाही के बीच में एक कुआं भी बना हुआ है। जानकारों की मानें तो औरंगजेब बारादरी में रहता था, जबकि बारादरी के सामने बाग था। उत्तर की तरफ तीन बड़े बड़े कुएं बनाए गए थे, यह कई हजार फीट गहरे हैं। यहां पश्चिम में एक विशाल गेट है जबकि दूसरा गेट खजुआ गांव की तरफ है। इन गेट के ऊपर चढ़कर पूरे बागबादशाही का नजारा देखा जा सकता है।
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