पिता ने छोड़ा, अनाथालय गई और की 5 रुपये में मजदूरी; आज करोड़ों के कंपनी की सीईओ हैं
ये ये एक ऐसी महिला की कहानी है, जिसने गरीबी से जूझा, घरवालों ने अनाथालय में छोड़ दिया। दुनियाभर की मुश्किलों का सामना किया, लेकिन उसने कभी हालात से हार नहीं मानी। 8 मार्च को वुमंस डे के मौके पर patrika.com अपने रीडर्स को कुछ अलग करने वाली चुनिन्दा महिलाओं की कहानी बता रहा है। इस कड़ी में जिस महिला का जिक्र हो रहा है, उसे कभी 5 रुपए में खेतों में जाकर मजदूरी तक करनी पडी। पर वह आज करोड़ों की मालकिन है।
16 साल की उम्र में शादी, 5 रुपए पर खेतों में करना पड़ा काम
उस महिला का नाम अनिला ज्योति रेड्डी है। इनका तेलंगाना के वारंगल जिले में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था। घर चलाने में परेशान पिता ने कभी बचपन में इन्हें अपनी बेटी मानने से इनकार कर अनाथालय में छोड़ दिया था। रिपोर्ट्स की मानें तो अनिला की शादी 16 साल की उम्र में कर दी गई थी। उस वक्त उनके पति की उम्र करीब 26 साल थी। पति का पेशा खेती-किसानी था। तब उन्हें भी 5 रुपये मजदूरी पर खेतों में काम करना पड़ा। उनका यह संघर्ष पांच साल तक चला।
17 साल की उम्र में बनी मां
संघर्ष करते हुए अनिला ने 17 साल की उम्र में एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन उन्हें कुछ अलग करना था। एक संकल्प उनके दिमाग में कहीं न कहीं मजबूत हो रहा था। ज्योति ने मजदूरी करते-करते गांव की महिलाओं को सिलाई-कढाई सिखाना शुरू कर दिया। इस हुनर की वजह से उन्हें एक सरकारी नौकरी मिल गई। अब गांवों में महिलाओं को सिलाई सिखाने के बदले 120 रुपए महीने की तनख्वाह मिलने लगी। उस वक्त ज्योति के लिए यह एक बड़ी राशि थी।
काम आई पढ़ाई-लिखाई
ज्योति को यानीं नहीं रुकना था। उन्हें कुछ अलग ही साबित करना था। नया मुकाम बनाना था। ज्योति ने अमरीका जाने का निश्चय कर लिया। मुश्किल हालात में उन्होंने जो पढ़ाई-लिखाई की थी वह उनके काम आई। दरअसल, 90 के शुरुआती दशक में भारत में तकनीकी विकास शुरू हो चुका था। इसमें संभावनाओं को देखकर ज्योति ने सॉफ्टवेयर की बुनियादी जरूरतों को सीखने का निश्चय किया। वीजा हासिल कर कुछ लोगों की मदद से वे अमरीका जाने में कामयाब भी हो गई।
अमरीका में नई मंजिल का सफ़र
यहां न्यू जर्सी में उनकी एक नई मंजिल का सफ़र शुरू हुआ। अमरीका में ज्योति ने सेल्स गर्ल से लेकर अटेंडेंट तक की मामूली नौकरियां की। लेकिन इसके साथ ही वे सॉफ्टवेयर की बारीकियां भी सीखती रहीं। आज सिलिकॉन वैली में ज्योति की एक कंपनी है जिसकी वे सीईओ हैं। उनकी कंपनी 'की सोफ्टवेयर सॉल्यूशन' का टर्नओवर करोड़ों में है। उनकी कंपनी अमरीका के फोनिक्स में है। कंपनी की वैल्यू करीब 15 मिलियन अमरीकी डॉलर है। अब उनके पास दुनिया का हर ऐशो आराम है। अमरीका में 6 घर के आलावा भारत में भी उनकी कई महंगी संपत्तियां हैं। हालांकि ऊंचाई चूने के बावजूद भारत के साथ उनका रिश्ता आज भी कायम है। वे हर साल भारत आना नहीं भूलती।
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